चॉकलेट भी कितनी अहम
हो जाती है,
अक्सर हमारे बीच,
कई बार सोचता हूं
कि,
जिस तरह चॉकलेट
घूलती है धीरे-धीरे,
उसी तरह संबंध भी
घुलते है धीरे-धीरे,
और स्वाद बढ़ता ही
जाता है दोनों का.
और अधिक जानने-समझने
लगते है एक-दूसरे को,
यूं तो सारी उमर लग
जाती है,
जानने-समझने में,
शायद हम अपने-पन के
साथ स्वीकार करने लग जाते है एक-दूसरे के अस्तित्व को,
शायद यहीं प्यार
है,रिश्ता है,जीवन है, न जाने क्या-क्या हैं.
मीठास-भरी इस
जिन्दगी में तुम्हारे होने का अहसास,
ही मुझे गुदगुदाने
लगता है.
तुम्हारे साथ बिताएं
हर पल में,
एक अजीब-सी महक है,
जो हर पल,हर घड़ी,
मुझे रोमांचित करती
रहती है.
बस यूं ही खुशी-खुशी
हर पल बीतता जाएंगा,
इसी उम्मीद और सपनों
में...
तुम्हारा, ओ ! नवीन,
कहना भी कितना अलग अहसास देता है,
ये मैं तुम्हे बता
नहीं सकता.
शायद हर चीज बयां
नहीं की जा सकती .
पर इसका अहसास
तुम्हे जरूर हो गया होगा,
कि तुम मेरे जीवन
में क्या हो.
बहुत-बहुत प्यार के
साथ,
तुम्हे जन्म-दिन
मुबारक हो.
-------तुम्हारा
अपना नवीन---
17 सितंबर 2013
(समालखा)
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