सोमवार, 23 सितंबर 2013

चॉकलेट


चॉकलेट भी कितनी अहम हो जाती है,
अक्सर हमारे बीच,
कई बार सोचता हूं कि,
जिस तरह चॉकलेट घूलती है धीरे-धीरे,
उसी तरह संबंध भी घुलते है धीरे-धीरे,
और स्वाद बढ़ता ही जाता है दोनों का.
और अधिक जानने-समझने लगते है एक-दूसरे को,
यूं तो सारी उमर लग जाती है,
जानने-समझने में,
शायद हम अपने-पन के साथ स्वीकार करने लग जाते है एक-दूसरे के अस्तित्व को,
शायद यहीं प्यार है,रिश्ता है,जीवन है, न जाने क्या-क्या हैं.
मीठास-भरी इस जिन्दगी में तुम्हारे होने का अहसास,
ही मुझे गुदगुदाने लगता है.
तुम्हारे साथ बिताएं हर पल में,
एक अजीब-सी महक है,
जो हर पल,हर घड़ी,
मुझे रोमांचित करती रहती है.
बस यूं ही खुशी-खुशी हर पल बीतता जाएंगा,
इसी उम्मीद और सपनों में...
तुम्हारा, ओ !  नवीन, कहना भी कितना अलग अहसास देता है,
ये मैं तुम्हे बता नहीं सकता.
शायद हर चीज बयां नहीं की जा सकती .
पर इसका अहसास तुम्हे जरूर हो गया होगा,
कि तुम मेरे जीवन में क्या हो.
बहुत-बहुत प्यार के साथ,
तुम्हे जन्म-दिन मुबारक हो.
-------तुम्हारा अपना नवीन---

17 सितंबर 2013 (समालखा)

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