हर व्यवस्था में खप जाना कितना आसान है,
सुविधाजनक सोच में ढल जाना कितना आसान है,
हर विरोध में अपना हिसाब-किताब लगा लेना आसान है,
हर काम में अपने हित साध लेना कितना आसान है,
आसन पर पैर जमा लेना कितना आसान है,
मुश्किल समय से पार पा लेना कितना आसान है,
आसानी से समाधान निकाल लेना कितना आसान है,
आसान है,
आसान है,
आशावान होना,...
कभी परेशान न होना,
निजात पा लेना,
आसान है,
आसान है.
सुविधाजनक सोच में ढल जाना कितना आसान है,
हर विरोध में अपना हिसाब-किताब लगा लेना आसान है,
हर काम में अपने हित साध लेना कितना आसान है,
आसन पर पैर जमा लेना कितना आसान है,
मुश्किल समय से पार पा लेना कितना आसान है,
आसानी से समाधान निकाल लेना कितना आसान है,
आसान है,
आसान है,
आशावान होना,...
कभी परेशान न होना,
निजात पा लेना,
आसान है,
आसान है.
कितना आसान है ?
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