पटरियां आपस में जुड़ती नहीं,
पर न जाने जोड़ती है कितनों को,
इनका न जुड़ना भी सार्थक है.
फिर जुड़ने का सवाल महत्वपूर्ण
क्यूं ?
सार्थकता को निकालना होगा बाहर,
दायरों से,
समाज से नहीं.
पैठ करनी होगी जमीन पर,
छोड़ना होगा हवा में उड़ना,
कटी पतंग की तरह.
(07-12-04)
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