हरियाणवी लोक से उठती हर आवाज का एक खास संदर्भ और मकसद हैं । इसलिए सब तरह की आवाजों पर बात होनी चाहिए । लोकगीत,रागिणी और पॉपुलर के भेदभाव से अलग हटकर उनके कटेंट पर बात होनी चाहिए ।
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शुक्रवार, 8 अगस्त 2014
टी-प्रेक (टीचर प्रेरक कथा)-कामचोर बिहारी
टी-प्रेक (टीचर प्रेरक कथा)-कामचोर बिहारी
टीचर की गाढ़ी कमाई प्रोपर्टी से शुरू हुई,वरना तनखां तो हमेशा पतली ही रही ।जितनी तेजी से आती उससे अधिक तेजी से फीसल जाती ।
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