गुरुवार, 24 अक्टूबर 2013

प्लीज जमाखोरो जी ! अपनी अंटी थोड़ी ढीली कर दीजिए !

प्याज के दाम बढ़कर शिखर पर है.70 रु से लेकर 100 रु किलो तक पहुंच गए है.भारत में प्याज वर्तमान समय का सबसे बड़ा मुद्दा है.हर जबान,हर मुहल्ले,हर चैनल,हर दफ्तर,हर गली,सब जगह प्याज ही प्याज की चर्चाएं आम है.कुछ दिनों पहले तो राजनीतिक पार्टियों ने दिल्ली ने अपनी -अपनी स्टॉल लगा कर प्याज बेचा.

एक बार तो एक सरकार ही प्याज ले डूबा था.यही चिंता लगता है दिल्ली की मुख्यमंत्री की है.चिंता प्याज के दाम बढ़ने से है.या जमाखोरी से है.या सत्ता के चले जाने का डर है.

कितनी दयनीय हो कर आज मुख्यमंत्री जी ने अपील की है कि प्लीज जमाखोरों जी,आप अपनी अंटी थोड़ी ढीली कर दीजिए.वरना ये जनता मेरी कुर्सी खाली कर देगी.अब तो आपने भी खूब पैसा बना-कमा लिया होगा.थोड़ा सा ध्यान मेरा भी रख लो.मैं ने तुम्हे कभी तंग नहीं किया.पता नहीं आप किस पार्टी के बहकावे में आ कर ये काम कर रहे है.अगर यही हालात रहे तो आम आदमी पार्टी जीत जाएगी.अगर वह जीत गई तो फिर आप कुछ भी कमाने लायक नहीं रहोगे.आपके भले की बात कर रही हूं.

यह समय ठीक नहीं है.इस समय थोडी नरमाई बरतिए.फिर पांच साल आप के ही होंगे.इतनी हडबडी या हायतोबा मचाना आपको शोभा नहीं देता.आप लोग तो इतने समझदार थे.पता नहीं किस के बहकावे में आ कर आप यह सब कारसतानियां कर रहे है.खैर कोई नहीं जितना बना लिया है,वह तो ठीक है.पर जब तक इलैक्शन नहीं हो जाते.तब तक थोड़ी ढिलाई रखिए.आप सभी से हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हूं कि आप हाथ का साथ दीजिए.यह हाथ हमेशा आप के साथ रहेगा.

अगर यह प्याज मुझे रूलाएगा.तो आप के रोने के दिन आने में देर नहीं लगेगी.इसलिए आप सभी से अनुरोध कर रही हूं कि जमाखोरी कुछ दिन के लिए स्थगित कर दीजिए.आपकी बड़ी कृपया होगी.आपकी अपनी मुख्यमंत्री शीला दीक्षित. 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें