मां,मैं बहुत जल्दी उदास हो जाता हूं,
उदास होने के साथ-साथ हताश भी हो जाता हूं,
मां,तुमने क्यों नहीं सिखाया अपनी तरह सब कुछ पी जाना,
पी कर भी कभी उदास और हताश नहीं होना.
मां,क्यों तुमने मुझे लडना सीखा दिया,हर गलत बात पर,
तुम खुद चुप खीचती रही हर एक बात पर,
तुम खुद सहती-सहमी रही हर लात पर,
मां,फिर भी तुम मुस्कुराती रही अपने हर हालात पर,
मुझे क्यों नहीं सिखाया हसंते रहना अपने हालात पर.
उदास होने के साथ-साथ हताश भी हो जाता हूं,
मां,तुमने क्यों नहीं सिखाया अपनी तरह सब कुछ पी जाना,
पी कर भी कभी उदास और हताश नहीं होना.
मां,क्यों तुमने मुझे लडना सीखा दिया,हर गलत बात पर,
तुम खुद चुप खीचती रही हर एक बात पर,
तुम खुद सहती-सहमी रही हर लात पर,
मां,फिर भी तुम मुस्कुराती रही अपने हर हालात पर,
मुझे क्यों नहीं सिखाया हसंते रहना अपने हालात पर.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें