गुरुवार, 31 अक्टूबर 2013

हरियाणा-दिवस स्पेशल

हरियाणा दिवस पर भास्कर का ऑफर. दिल वाले तो डेट कर ही रहे है.आप ने क्यों बदतमीज लिख दिया.यहां पर पहले से ही प्यार करने वालों को बदतमीज,पागल,समाज के दुश्मन माना जाता है.अखबार जी,देखा-पढ़ा था मैं ने उन दिनों भी जब लोग गौत्र,जाति,समाज के ताने-बाने के नाम पर लड़के-लड़कियों को मार रहे थे और आप गौत्र की पैरवी करते लेख धड़ा-धड़ छाप रहे थे.आप को भी तो प्यार करने वाले बदतमीज लगने ही है.इतने बुरे दिन नहीं आए है हमारे कि अखबार के साथ डेट करे और आपकी जेब भरते रहे.अपनी इस सोच को अपने पास रखिए.धत .हम हरियाणा दिवस पर आत्म-विश्लेणष और राज्य-विश्लेणष कर ही लेंगे.आप उन पितृसत्तामक रवैये वालों के साथ बजाते रहिए ढोल-नगाडे.घसीटते रहिए जाति का मैडल(?)क्या थे हम,क्या हो गए है,और क्या होंगे--की आलोचनात्मक नजर से जानने-समझने दीजिए.

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