पिसूस मित्रा(पीयूष मिश्रा)बदले-बदले से नाम,बदले-बदले से काम
मैं शराब पी कर भी बीजेपी की प्रशंसा नहीं कर सकता.भले ही मैं ने पीनी छोड़ दी हो.ऐसा किसी हालत में नहीं हो सकता.प्लीज शराब छोड़ी है,पर मोह नहीं गया है.बदनाम मत करो शराब को.थोड़ी पीआ करो.मूंह बंद और दीमाग खुला रखा करो.
नशे की हालत में पियूष मिश्रा जी का विचारधारा रूपी बटुआ कहीं गिर गया.रात नशे की हालत में आप ने अपने विचारों के कोट को भी गंदा कर दिया.लोट-पोट होते हुए.माना यह गर्मियों का कोट था.क्या गर्मियां दुबारा नहीं आनी.सर्दी शुरू होने वाली है,इसका मतलब यह नहीं कि तुम उस गर्मियों के कोट की कद्र ही भूल जाओ.
मैं शराब पी कर भी बीजेपी की प्रशंसा नहीं कर सकता.भले ही मैं ने पीनी छोड़ दी हो.ऐसा किसी हालत में नहीं हो सकता.प्लीज शराब छोड़ी है,पर मोह नहीं गया है.बदनाम मत करो शराब को.थोड़ी पीआ करो.मूंह बंद और दीमाग खुला रखा करो.
नशे की हालत में पियूष मिश्रा जी का विचारधारा रूपी बटुआ कहीं गिर गया.रात नशे की हालत में आप ने अपने विचारों के कोट को भी गंदा कर दिया.लोट-पोट होते हुए.माना यह गर्मियों का कोट था.क्या गर्मियां दुबारा नहीं आनी.सर्दी शुरू होने वाली है,इसका मतलब यह नहीं कि तुम उस गर्मियों के कोट की कद्र ही भूल जाओ.
पूरा हंगामा थोड़ी-सी पीने का नहीं है.आप ने मोदी के प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जाहिर जो कर दी है.ऐसी इच्छाएं बहुतो ने जगजाहिर की है,पर आप एक विशेष विचारधारा को फोलो करते हुए ऐसा कह रहे है.
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