रविवार, 3 जनवरी 2016

माँ और गर्दन का मस्सा

गर्दन पर मस्सा

मेरी गर्दन पर छोटा-सा मस्सा हो गया है । जिस पर हाथ जाये बगैर नहीं रहता। जब हाथ जाता है तो मम्मी याद आने लगती है ।जो अब इस दुनिया से चली गयी है । अपनी खट्टी,मीठी और कड़वी यादों को हम सब के सिरहाने छोड़कर । याद आने का कारण है उनकी गर्दन पर छोटे मस्से का होना । यह मस्सा पहले नहीं था । अब अचानक से यह निकल आया है । यह मम्मी की याद दिलाकर आँखों में आंसू निकाल देता है । मिस यू मम्मी ।

आप भी सोचते होंगे कि बिल्कुल ही खलहर(बिहारी दोस्तों का शब्द) है क्या ? जो छोटी-छोटी बातें भी लिखने बैठ जाता है। लिखना लत हो गयी है अब। बगैर लिखे रहा ही नहीं जाता । पढ़े बगैर फिर भी काम चल जाता है पर लिखे बगैर कोई दिन हो ऐसा सोचा भी नहीं जाता। जब तक फेसबुक है तब तक आप को तुरन्त लिखा हुआ दिखता रहेगा फिर आपको पढ़ने के लिए सर्च करना पडूंगा । अगर आपका मन होगा मेरा लिखा पढ़ने का ।

पढ़ने-लिखने से दरअसल मैं खुद को गढ़ रहा होता हूँ ताकि जिंदगी को लिख सकूँ ।

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