#शब्दकोश_चालू
यह शब्द भी कई शब्दों की तरह उलझन में डालता है। शब्द के साथ के केवल उसका अर्थ नहीं चलता ।बल्कि उसके ग्रहण करने की प्रक्रिया में पूरा परिवेश भी घसीटता हुआ कभी खड़ा तो कभी पड़ता हुआ साथ चलता है। एकेडमिक भाषा में कहे तो उसमें उस परिवेश के संस्कार,उस परिवेश का मनोविज्ञान तथा समाजविज्ञान साथ गुँथा होता है।
ऐसा ही यह शब्द है चालू। जो मुझ जैसों को यह सेक्स से जुड़ा अर्थ देता है। कहने का मतलब ये कि जो लड़का या लड़की किसी से सेक्स सम्बन्ध बनाता है बिना शादी के वो चालू है । पर अब इसका इस्तेमाल चालाक इंसान के लिए बहुतायत में होने लगा है । सेक्स वाला अर्थ कमजोर पड़ता जा रहा है। जो कि सही भी है ।यौन सम्बंधों को लेकर जड़ नैतिकता खत्म ही होनी चाहिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें