रविवार, 8 मई 2016

मां

मां ने
हर बार मेरे अपराधों को छुपाकर
मुझे अपराधी बनने के लिए प्रेरित किया। 
मैं जानता था कि यह सब करने के बाद 
एक ढाल मेरी रक्षा हमेशा करेगी।
मां ने समझाया मुझे कि जो अपराध मैं करता हूं
वो उसकी नज़र में छोटी-मोटी गलतियां भर हैं
हर बार मेरे हौसले बुलंद होते गए
और एक दिन मां ने मुझे
पक्का और सच्चा मर्द बना दिया।
उस दिन मैंने जाना कि मां ही मेरी सच्ची गुरु है
और अब इस गुरु की मुझे जरूरत नहीं है
क्योंकि सारे गुर मैं सीख गया हूं
दुनियादारी के
समझदारी के
रंगदारी के
होशियारी के
दिखावेदारी के...

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