रविवार, 8 मई 2016

हैप्पी बड्डे टू परशुराम

भगवान् परशुराम जयंती की पूरे भारतीय समाज को हार्दिक शुभकामनाएं. 
भारतीय पावन भूमि के वीर ॠषियों और मुनियों को मेरा कोटि कोटि प्रणाम.. "

आप उलझे रहिए तत्सम वाली हिंदी में। हम तो हिंग्रेजी में बधाई देंगे अपने शूरवीर और अमीर ब्राह्मण को। हैप्पी बड्डे टू परशुराम जी। वैसे यह बात आज भी उतनी ही सही है खासकर भारत के संदर्भ में कि ब्राह्मणों से सारा भारत डोलता है। अब यह आप पर है कि आप इसे इतिहास कहेंगे या पौराणिक गाथा या मिथकीय। जो भी हो जाति हमारे समाज का सबसे कड़वा सच है।

ब्राह्मण जब इकट्ठा होते हैं तो अपनी जातिगत वीरता के लिए हमेशा परशुराम को याद करते हैं और उनके उस पराक्रम का गुणगान पर सिद्दत से करते हैं कि कैसे परशुराम ने धरती को लहुलुहान कर दिया था। और जब आरक्षण को आर्थिक आधार पर केंद्रित करना हो तो उनके लिए सबसे उचित पात्र होते हैं सुदामा। तब एक गरीब ब्राह्मण की व्यथा उनकी जिह्वा पर होती है।

ये दोहरे मापदंड हैं। हर जाति अपने आप सर्वश्रेष्ठ घोषित करने पर तुली हैं और बात जब आरक्षण की होती है तो सब अपने आप को निकृष्ट घोषित करने लग जाते हैं।

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