हरियाणा में 15 जून तै
पुलिस भर्ती शुरू होई जिसमै तक कई लाख युवा हिस्सा ले चुके हैं। भर्ती के लिए यह
टेस्ट 4 जुलाई नै खत्म होग्या। अर गेल खत्म होगी तीन जवान जान। खाकी पहनने का सपना
देख्या था पर खुद खाक होगे। होगे के कर दिए सरकार नै। इतनी भूंडी गरमी मैं घर तै
लिकड़न नै जी नी करदा इननै या बालक भरी दोपहरी मैं भजा दिए। ना तै उड़ै कुछ खाण नै
था, ना पीण नै पाणी था। भर्ती आले खुद तै टैंट में बैठे अर बालक धूप में जलते रहे।
5000 के करीब भर्ती लिकड़ी सै अर फार्म भरे सै 7 लाख के करीब। कहण में हरियाणा
नंबर वन सै अर आड़ै 18 तै 25 के बीच के बेरोजगार बालक 7 लाख तै ऊपर सै। यै तै वै
सै जुणसे कद-छाती तै फिट सै। कोए पूछण आला हो तो इन तै अक इतने बेरोजगारों के होते
हरियाणा नंबर वन क्यूंकर बण ग्या?
सारे हरयाणा की भर्ती कुरुक्षेत्र मैं कराकै के साबित
करणा चाहवै थे?
हरियाणा पुलिस भर्ती कुरुक्षेत्र
में चल रहे फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट के दौरान तीन बालकां की मौत हो गी। सोनीपत के
गांव कथूरा निवासी 25 वर्षीय भूपेंद्र सिंह 5 किमी. की दौड़ के दौरान ट्रैक पर
बेसुध पड़ ग्या। उसे एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया। वहां से पीजीआई चंडीगढ़ रेफर
कर दिया। जहां रात साढ़े 12 बजे उसकी मौत हो गई। 24 जून को भिवानी के 23 वर्षीय
सोमवीर और हिसार के जितेंद्र की मौत ऐसी ही परिस्थितियों में हुई थी। हालांकि तीनों
में से किसी की भी मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन पुलिस सूत्रों और कुरुक्षेत्र के सीएमओ सुरेंद्र नैन की मानें तो
इनकी मौत का कारण नशा करके भर्ती में आना भी हो सकता है।
भर्ती
होण आए छोरया नै या सरकार नसेड़ी बतावै
सरकार इसतै घणी
बेशर्म कदे नी हो सकती, जो आपणी गलती तो मानती कोनी। ऊपर तै जवान छोरै जुणसे पुलिस
मैं भर्ती होण गए थे, उननै नसेड़ी बतावै। या तो बात मानी बी जा सकै अक कई बालक
ज्यान(क्षमता) बढ़ाण खात्तर कोए दवाई खा ली होगी पर नसेड़ी भर्ती होण की सोच बी
कोनी सकता। अर जब ये हरियाणा के जवान बालका गेल हादसे होए उड़ै सरकार की तरफ तै
कोए सुविधा कोनी थी। चलो यै तो नसेड़ी थे पर जुणसे हत्या के आरोपी नै पुलिस जेल
मैं तो फिजीकल टेस्ट खात्तर लाई थी, ओ बी तो गस खा कै पड़ ग्या था। के ओ बी नशा कर
रहया था।
भाजपा
के प्रवक्ता प्रो. विरेंद्र चौहान युवाओं की मौत पै हांसण लाग ग्या
जनता टीवी नै इस
मुद्दे पै बहस कराई। भाजपा के प्रवक्ता प्रो. विरेंद्र चौहान नै शर्म का घड़ा तै
जमा फोड़ दिया अर जोर-जोर तै हांसण लाग ग्या। इतने बेशर्म और असंवेदनशील लोग
क्यूंकर प्रवक्ता बण ज्या सै। इसी
कार्यक्रम में या बात बी लिकड़ कै आई अक सरकार की तरफ तै कोए इंतजाम नी कराए गए और
सरकार पारदर्शी भर्ती का मोड़ तै आपणे सिर पै बांधै सै, अर इन बालकां की मौत का
ठीकरा एसएससी पर फोड़ दिया। दूसरी बात जब इननै लाग्गै था अक बालक नशा करकै भाजै सै
तो के टैस्ट कराण का फर्ज नी बणै था। और नी तो भर्ती नै थोड़ी आग्गै सरका देंदे।
हरियाणा सरकार की गलत
नीतियों के चलते कुरुक्षेत्र में पुलिस भर्ती में प्रदेश के युवाओं की जान आफ़त
में पड़ गई। जून के महीने में सबसे ज्यादा उमस और गर्मी पड़ै, असल में तो इस महीने
में यह भर्ती होनी ही नहीं चाहिए थी। दूसरी बात इससे पहले जितनी भी भर्तियां हुई
हैं, वह सब जिलेवार हुई है। जिलेवार होने के कारण बेरोजगार युवाओं पर न तो पैसे की
मार पड़ती थी और न उन्हें ज्यादा दिक्कत होती थी।
पर इस भाजपा सरकार नै
न्यू नहीं देख्या अक इतनी गर्मी मैं छौरया
का के हाल हो ज्यागा। छा मैं खड़े माणस के पसीने नी सुखते।
सरकार की बेशर्मी जब
हद से पार हो गई, तो मानवाधिकार आयोग ने सरकार की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए।
वरना सरकार तो अपनी गलती मानने को तैयार ही नहीं थी। इस भर्ती नै 3 जवान छौरे मौत के घाट उतार दिए अर 250 तै ऊपर
हस्पताल मैं भर्ती करवा दिए। इतना सब होए पाछै बी सरकार नै भर्ती पै रोक नी लगाई।
बल्कि भर्ती वैसे ही चला राखी सै। सरकार को चाहिए अक इस भर्ती नै तीन-चार महीने
आगै सरका दें। अर जब थोड़े ठंडे से दिन आज्या जब या भर्ती शुरू होवै। नहीं तै या
भर्ती बेरा नी कितनी जान और ले लेगी।
पहले की भर्ती मैं सब
तै पहल्या कद और छाती मापी जा थी। जिनकी पूरी हो ज्यां थी। वो सारे दौड़ मैं भाग
ले सकै थे। पर इबकै तै पहल्या सारे पांच किलोमीटर इतनी करड़ी गर्मी मैं भगा दिए।
फेर उनकी छाती अर कद मापै सै। सरकार नै बताओ यो उल्टा कान पकड़न की के जरूरत थी ।
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