रविवार, 17 जुलाई 2016

मनोहरलाल खट्टर को पत्र

मुख्यमंत्री

मनोहरलाल खट्टर जी

राम-राम!

सरकार आपकी है तो हालचाल तै जमा बढ़िया-ए होगा। शक्ल पै तै आपके बारा बजे रह सै। सरकार की शक्ल इसी सै तो नू सोच कै देखिओ अक म्हारा के हाल हो रहया होगा।
याड़ै खेत मैं बिजली की बांट देखते-देखते सोच्या आप धौरै एक लैटर लिख दयूं। टवीटर पै तो लागता नहीं कुछ पढ़ते होगे। अर जुण उड़ै बैठा राख्या सै ओ के तन्नै सारी बात बता देता होगा, मेरै तो जंचती नहीं।
मेरे तै न्यू बताओ जब सरप्लस बिजली हैं हरियाणा पै तो या बिजली जावै कित सै। ना तो गाम मैं लैट आती अर ना खेत मैं आती। तो इस बिजली नै कुण खाण लाग रहया सै। किसे रिश्तेदार धौरै फोन कर लें। सब लाइट बाबत रोंदे पावै सै। रात नै जाग कै तो फोन चार्ज करणा पड़ै। एक बरिया चार्जिंग मैं ला कै सो ग्या। तड़के उठ कै देख्या तो फोन ट्रांसफारमर की तरिया होया पाया। लाइट का पता नहीं लागता कदे तो कती डीम आवै कदे कती फुल। फोन भी के आपणी इसी-तीसी करावैगा। इस लैट के चक्कर मैं कई रिश्तेदार तै तो बात बी नहीं होती। जब देखो फोन चारज नहीं होया, याए बीन बंजादे पावै। थारी न्यारी बीन बाजती पावै। अक हरयाणा पै बिजली तो भतेरी सै। इस भतेरी नै म्हारे धौरै बी भेज दे खागड़। सारे मजे आप लेण लाग रहया सै।
हाम तो सारे कै रो-रो थक लिए। फोन मैं रोज नू लिख्या आवै अक बरसैगा। सरकार नै तो हाथ हला राखै सै यो राम थारा भी फूफा हो रहया सै। काली घटा सी उठै बरसता कुछ नी। बड़ी मुश्किल तै खेत मैं लैट आवै। थोड़ी वार पीछै भाग ज्या सै। फोन करो बिजली आळा पै तो दैड़ देनी कहदे सै परमिट ले राख्या सै। मेरी सासू के यैं बी बिजली आण की बांट देखे जा सै। किसनै बेरा सै अक परमिट ले बी राख्या सै अक नहीं। हरयाणवी पढ़णी तो आती होगी अक या बी कोनी आती।
किसे एमएलए या एमपी धौरै चले ज्यां। सारे रोंदे पावै अक म्हारी नहीं चालती। सब कहवै टवीटर की चाल री सै। तो हामनै बी सबकी देखा देखी टवीटर बी लोड कर लिया। उड़ै बी मनै इसा लाग्गै सै ओ बी कोए और चला रहया सै।  कितने लोग उड़ै इतनी भूंडी-भूंडी गाली देवै अर तू कुछ नी कहता किसे तै। ना किसे सवाल का जवाब देता। कोए बडाई मार दें तो उसनै ठा कै री-टवीट कर दे सै। चाह के रहया सै तू।

जब वो पियूष गोयल नू कहवै था ना अक टवीटर पै हरियाणा के लोग उस पै व्यंग करै सै तो आपनै बी कहणा चहिए था अक मेरे तै तो घणी भूंड़ी-भूंड़ी गाली बी देवै सै। मन्नै तो इसा लाग्गै सै जणू आप पै ना तो राजनीति होती अर ना टवीट करणा आता। तेरी गेल हांगा हो रहया सै। जनता का नहीं कख्खा बी पता तन्नै। यै म्हारे नेता नहीं बकसते तन्नै अर ना जनता। रही सही कसर यो गोयल कर गया पूरी।
यै हाईफाई ड्रामे सै टवीटर-फवीटर। तेरी गेल तो ओ काम ओ रहया सै जुकर अकल बिना ऊंट उभाणे फिरैं।
मेरे तै नू बताओ अक आगली बार वोट बी इस टवीटर पै गेरणे सै के? किते तै आपनै लाग्गै सै अक या सरकार जनता की हो इसा लाग्गै जणू टवीटर की सरकार सै। इस टवीटर की सुण ल्यो कबूतर जितनी बीट करै सै उतनी बात तो इस टवीट पै लिख सकै सै। हामनै तो देख मजा आया नी। माणस ओए हो सै जो छक कै तो खावै अर छक कै सुणै-बतावै।






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