टीवी पत्रकारिता का यह बकवास काल चल रहा है ।
हिंदी टीवी पत्रकारिता में आज के समय में आप किसी से सहमति और असहमति रख सकते है तो वो अकेले #रवीश_कुमार है । सहमति और असहमति दोनों जरूरी है ।
आप रवीश के साथ-साथ उन सब की, जो आपसे राजनीतिक असहमति रखते है । उन सब की गांड तोड़ देना चाहते है ।
आप #NDTV को बन्द करा देना चाहते है ।जब बन्द करवाने की बात करते हो तो सभी दुकानों को बन्द करने की बात होनी चाहिए ।केवल एक ही क्यों ?
चलिए आपकी बात सही है कि यह कांग्रेसी चैनल है ।मेरा सवाल यह है कि जी न्यूज क्यों नहीं बन्द होना चाहिए ? उसका मालिक तो सरेआम रैली में वोट मांगता है। उसको क्यों नहीं बन्द होना चाहिए ।
जिसकी सरकार आती है दूरदर्शन उसका भोंपू बन जाता है ।उसे भी बन्द होना चाहिए ।क्योंकि वह तो विशुद्ध जनता के पैसे से चलता है ।
अपने विरोधी को आप देखना पसन्द नहीं करते मत देखिये विकल्पहीन नहीं हुआ है टीवी । पर आप तो चाहते है कांग्रेस मुक्त भारत से एक कदम आगे बढ़ते हुए विपक्ष मुक्त भारत ।
क्या यह किसी लोकतन्त्र का लक्षण है ?
क्या यह फासीवादी होना नहीं है ?
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