दुर्भाग्य से मेरा कांग्रेस में कोई जुगाड़ नहीं था,इसलिए मुझे पीजीटी भर्ती में काबिल नहीं समझा गया.मैं दिल्ली विश्वविद्यालय की अपनी सभी डिग्री वापिस करना चाहता हूं.यूजीसी को नेट पत्र भी वापिस करना चाहता हूं और हरियाणा सरकार के पात्रता प्रमाण पत्र को जला देना चाहता हूं.
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को अपना मास कॉम का डिप्लोमा और डिग्री भी वापिस करना चाहता हूं.अब इनका क्या करूंगा.
सारे रिसर्च पेपर देख क...र भी पेट नहीं भरता.इन डिग्रियों को संभालते-संभालते थक गया हूं.
एक बात ओर---
हरियाणा की HPSC प्रवक्ता भर्ती से पहले ये शपथ पत्र लेती है कि मैं किसी पार्टी का सदस्य नहीं हूं और दूसरी ओर अपने एम.एल.ए. और सांसद को ये लिखकर देना पड़ता है कि मैं कांग्रेस का पुराना कार्यकर्ता रहा हूं.यहां ईमानदारी से नौकरी नहीं मिल सकती.राजनीतिक जुगाड़ परम सत्य और अंतिम है.
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को अपना मास कॉम का डिप्लोमा और डिग्री भी वापिस करना चाहता हूं.अब इनका क्या करूंगा.
सारे रिसर्च पेपर देख क...र भी पेट नहीं भरता.इन डिग्रियों को संभालते-संभालते थक गया हूं.
एक बात ओर---
हरियाणा की HPSC प्रवक्ता भर्ती से पहले ये शपथ पत्र लेती है कि मैं किसी पार्टी का सदस्य नहीं हूं और दूसरी ओर अपने एम.एल.ए. और सांसद को ये लिखकर देना पड़ता है कि मैं कांग्रेस का पुराना कार्यकर्ता रहा हूं.यहां ईमानदारी से नौकरी नहीं मिल सकती.राजनीतिक जुगाड़ परम सत्य और अंतिम है.
हरियाणा शिक्षक भर्ती बोर्ड जी,
कृपया उन महानुभवों का पूरा लेखा-जोखा पब्लिक में ऑपन कर दीजिए.जिन 1800 से के करीब हिन्दी पीजीटी सलैक्टरों ने मुझे मात दी है.एक अयोग्य उन योग्य से रू-ब-रू होना चाहता है.
कृपया उन महानुभवों का पूरा लेखा-जोखा पब्लिक में ऑपन कर दीजिए.जिन 1800 से के करीब हिन्दी पीजीटी सलैक्टरों ने मुझे मात दी है.एक अयोग्य उन योग्य से रू-ब-रू होना चाहता है.
कॉलेज में अस्थाई नौकरी करते हुए महसूस हुआ था कि मेरे हरियाणा के स्कूल वाले क्या पढ़ाते है ? बच्चों को जब अपना नाम तक लिखना नहीं आता.और वो बीए में आकर नाम लिखना सीख रहे थे.सोचा था कुछ बेहतर कर सकेंगे स्कूल में पढ़ाकर.लगता है सारी उम्र सीखते ही रह जाएंगे,सीखाने योग्य बन नहीं सकेंगे.
सोचा तो ये भी था कि हमारा भविष्य तो बेहुदे टीचरों ने खराब किया था,पर कम से कम हम एक बेहतर भविष्य देकर जाएंगे
जितने शिक्षक भर्ती हुए है.उनमें से शायद ही कोई अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं.उन्हें पता है कि वहां पर क्या होगा.
उन सब शुक्र गुजार हूं ,जिन्होंने मेरी योग्यता से ज्यादा मेरी खराब किस्मत को दोषी बताया.
योग्यता बनाम किस्मत.
योग्यता सहयोगी जुगाड़.
योग्यता सहयोगी जुगाड़.
उनका भी जिन्होंने ये कहते हुए हौसला बढ़ाया कि शायद किस्मत में कुछ ओर अच्छा होना लिखा होगा.
लिखना मने टाइप करना भी विरेचन ही है अरस्तु जी.
जब 1800 में नं. नहीं आया तो सोचा हरियाणा में तो हिन्दी के बहुते विद्वान है.लगता है हिन्दी का केंद्र बनारस,इलाहाबाद से दिल्ली होता हुआ हरियाणा में विश्राम करेगा.सारा हिन्दी समाज हरियाणा की तरफ देखेगा.हिन्दी साहित्य लेखन में हरियाणा छाने वाला है.
अब प्रतिक्रिया में मिली टिप्पणियाँ----
अनिल शर्मा जी--- जुगाड़ ही योग्यता है
हरियाणा जैसे प्रदेश में अच्छी किस्मत पाना ही सबसे बड़ी योग्यता है ??
मेरा जवाब-- राजनीति में पहुंच सांठ-गाँठ जरूरी है.मेरे पापा ने इसे कभी समझा नहीं.दिल्ली अपनी मास्टरी करते रहे.
अनिल जी- हरियाणा में तो बिना पैसे आश्वासन भी नहीं मिलता ,फिर नौकरी तो बहुत बड़ी बात है ....
Amir Hasan ---nveen bhai humne to haryana ko aik model state ki trah jana hai phir aisa kyokn ho rha hai unhen to apne state ke cream ko phle mauka dena chahiye
Vijay Singh ---जुगाड़ जुगाड़ जुगाड़ जुगाड़ जुगाड़ जुगाड़ जुगाड़ जुगाड़ अब दे फाड ...........
Naveen Raman ---क्रीम ड्रीम है
Anil Sharma--- मलाई खाने वाले प्रदेश में क्रीम ड्रीम ही रहेगी